- भारत में योग का इतिहास काफी पुराना है लेकिन हाल ही में इस पर काफी जोर दिया जा रहा है।
- विश्व योग दिवस का उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में योग से प्राप्त होने वाले लाभों के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
- विश्व योग दिवस को मनाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा गया था।
- संयुक्त राष्ट्र की 11 दिसंबर 2014 को हुई आम सभा में विश्व योग दिवस को मनाने कानिर्णय लिया गया था ।
- इस प्रस्ताव का 170 देशों ने समर्थन कियासंयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम के कुटेसा (Sam Ktesa) ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कर दिया ।
- भारत में यह दिवस पहली बार 21 जून 2015 को मनाया गया था।
- प्रथम योग दिवस कोगणतंत्र दिवस समारोह की तरह दूरदर्शन द्वारा कवरेज किया गया था।
- प्रथम योग दिवस को यादगर बनाने के लिए भारत के प्रख्यात योगगुरू बाबा रामदेव (Baba Ramdev) जी ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था।
- भारत में मनाये गये प्रथम योग दिवस को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में भी शामिल किया गया है।
- इस दिन यानि 21 जून 2015 के दिन 35,985 लोगों के साथ योग किया और चौरासी देशों के लोगों ने इस आयोजन में एक साथ भाग लिया था।
- विश्व योग दिवस पर 21 जून को सुबह 7 बजे सभी जिला मुख्यालयों द्वारा सामूहिक योग कार्यक्रम रखे जाते हैं ।
- केन्द्र सरकार के आयुष विभाग द्वारा कार्यक्रम के दौरान किए जाने वाले योगासन के बारे में एक कॉमन प्रोटोकॉल निर्धारित करते हुए बुकलेट तथा फिल्म तैयार की गई है।
योग के फायदे
फिटनेस : योग से शारीरिक तंदुरुस्ती तो आती ही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा मानसिक शांति मिलती हैं। इससे मन शांत रहता हैं एवम तनाव कम होता हैं। साथ ही यह शरीर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित भी करता हैं।
शरीर स्वस्थ रहता हैं : योग से शरीर का ब्लड का प्रवाह नियंत्रित रहता है, जिससे शरीर में चुस्ती आती है, जो कि हानिकारक टोक्सिंस को बाहर निकालती है, जिससे शरीर के विकार दूर होते हैं और रोगियों को इससे आराम मिलता हैं। साथ ही सकारात्मकता का भाव प्रवाहित होता हैं। जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं।
वजन कम होता हैं :योग की सबसे प्रभावशाली विधा हैं सूर्य नमस्कार, जिससे शरीर में लचीलापन आता हैं। रक्त का प्रवाह अच्छा होता हैं। शरीर की अकड़न, जकड़न में आराम मिलता हैं। योग से वजन नियंत्रित रहता हैं। जिनका वजन कम है, वह बढ़ता हैं और जिनका अधिक हैं कम होता हैं।
चिंता का भाव कम होता हैं : योग से मन एकाग्रचित्त रहता है, उसमे शीतलता का भाव आता है और चिंता जैसे विकारों का अंत होता हैं। योग से गुस्सा कम आता है, इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, जिससे शारीरिक एवम मानसिक संतुलन बना रहता हैं।
मानसिक शांति : योग से मन शांत रहता हैं. दिमाग दुरुस्त होता है, जिससे सकारात्मक विचार का प्रवाह होता हैं। सकारात्मक भाव से जीवन का नजरिया बदल जाता हैं। इन्सान को किसी भी वस्तु, अन्य इन्सान या जानवर में कुछ गलत दिखाई नहीं देता। किसी के लिए मन में बैर नहीं रहता। इस तरह योग से मनुष्य का मनोविकास होता हैं।
मनोबल बढ़ता हैं : योग से मनुष्य में आत्मबल बढ़ता हैं, कॉन्फिडेंस आता हैं। जीवन के हर क्षेत्र में कार्य में सफलता मिलती हैं। मनुष्य हर परिस्थिती से लड़ने के काबिल होता हैं। साथ ही जीवन की चुनौतियों को उत्साह से लेता हैं।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती हैं : योग से उपापचय की क्रिया दुरुस्त होती हैं और श्वसन क्रिया संतुलित होती हैं जिससे मनुष्य में रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती हैं। बड़ी से बड़ी बीमारी से लड़ने के लिए शक्ति का संचार होता हैं। योग एवम ध्यान में बड़ी से बड़ी बीमारी के लिए उपाय हैं।
जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता : योग को आप जादू भी कह सकते है, नियमित योग करने से जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं। आत्मबल बढ़ता हैं, सकारात्मक भाव आता है, साथ ही आत्म विश्वास में भी वृद्धी होती है, जिससे जीवन के प्रति उत्साह बढ़ता हैं।
उर्जा बढ़ती हैं : मनुष्य रोजाना कई गतिविधियाँ करता है और दिन के अंत में थक जाता है, लेकिन अगर वह नियमित योगा करता है, तो उसमे उर्जा का संचार होता हैं। थकावट या किसी भी काम के प्रति उदासी का भाव नहीं रहता। सभी अंगो को अपना कार्य करने के लिए पर्याप्त उर्जा मिलती है, क्यूंकि योग से भोजन का सही मायने में पाचन होता हैं जो दैनिक उर्जा को बढ़ाता हैं।
शरीर लचीला बनता हैं : योग से शरीर की जकड़न खत्म होती हैं। शरीर में वसा की मात्रा कम होती हैं जिससे लचीलापन आता हैं। लचीले पन के कारण शरीर में कभी अनावश्यक दर्द नहीं रहता। और शरीर को जिस तरह का होना चाहिये, उसकी बनावट धीरे-धीरे रोजाना योग करने से ठीक हो जाती हैं।