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विश्व संवाद केंद्र, झारखण्ड

जोहार!!!!

           विश्व संवाद केन्द्र एक वहुआयामी राष्ट्रवादी दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए मुद्रित व दृश्य-श्रव्य संवाद माध्यमो के साथ राष्ट्रवादी विचारधारा एवं इसके पोषकों को पुष्ट करने हेतु कार्यशील संवाद माध्यम है.सामजिक जागरण हेतु मुद्रित व दृश्य-श्रव्य संवाद माध्यमो में सम-सामयिक विषयों पर, राष्ट्रवादी विचारको, लेखको, स्तम्भकारो, वार्ताकारो एवं चिंतको को आगे बढाने हेतु साथ ही साथ अपने से जुड़े लोगो को संपादको के नाम पत्र तथा दूरदर्शन के अन्य वाहिनियो पर प्रसारित किये जाने वाले कार्यक्रमों की समीक्षा हेतु जागरूक करने के लिए प्रयासरत हैं. वैश्विक संदर्भ में मुद्रित व दृश्य-श्रव्य माध्यमो को वाणिक विचारधारा के वजाय राष्ट्रीय विचार-प्रवाह में लाते हुए अपना संस्कार-अपनी संस्कृति का संरक्षण व संबर्धन हो इस निमित्त राष्ट्रवादी परिवारों के साथ जुड़ते हुए संवाद को जन कल्याण हेतु समाज के हर वर्ग के साथ कार्य करते हुए राष्ट्र की मुख्य धारा में उन्हें जोड़ने हेतु यह संवाद केन्द्र उन्हें समर्पित हैं. भारत विश्व गुरु रहा है इस धारणा को समृद्ध करते हुए भारतीय चिन्तन जिसने विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम का मन्त्र दिया आज भी प्रासंगिक है . संवाद क्षेत्र में भी भारतीय चिन्तन सदैव जन-कल्याण, प्रेम, शान्ति और सह-अस्तित्व में विश्वास रखा है इसी धारणा को पुष्ट करते हुए विश्व संवाद केंद्र संवाद माध्यमो को जन कल्याण हेतु प्रयुक्त करने वाले आध्य पत्रकार देवर्षि नारद जी को अपना आदर्श मानते हुए प्रति वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष द्वितीया को उनके जन्मदिवस पर पत्रकारिता के सिधान्तों के भारतीय चिन्तन से प्रेरणा लेती है. विश्व संवाद केन्द्र सम्वादात सौहाद्र्म के साथ संवाद एव ध्येय के पथ पर अग्रसर होते हुए भारत माता को परम वैभव पर प्रतिस्थापित करने हेतु कटिबद्ध है . विश्व संवाद केन्द्र झारखंड ०२ अक्तूबर २००४ को विश्व के महान सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी संगठन “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के तत्कालीन अखिल भारतीय सह-प्रचार प्रमुख (स्व.) अधीश कुमार जी के कर-कमलो के द्वारा रांची में प्रस्फुटित हुई जो संवाद के क्षेत्र में जन सहयोग से आज उतरोतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है.

 ------वंदेमातरम्


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