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देवघर बन रहा है लव जेहादियों का आश्रय स्थल 

रांची, 07 सितम्बर : मोहनपुर (देवघर),रिखिया थाना क्षेत्र के भुरभुरा निवासी पवन सिंह का राज खुलने के बाद देवघर से लेकर मुंबई तक के लोग हैरान हैं। वह आत्महत्या न करता तो उसका राज भी नहीं खुलता है। राज की बात यह है कि वह मुसमान था और खुद को हिन्दू बताकर रह रहा था। इतना ही नहीं हिन्दू बनकर अपने दोस्त की पत्नी को मुंबई से भगाकर शादी भी रचाई। वह मुंबई में अपने कई परिचितों से रुपये लेकर भी भागा था। अब देवघर पुलिस इस रहस्य को सुलझाने में लगी है।

क्या है मामला : रिखिया थाना क्षेत्र के भुरभुरा पुल के पास रहने वाले एक युवक ने शनिवार को आर्थिक तंगी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
आत्महत्या की जांच करने पहुंची पुलिस तो दूसरे मामले का पर्दाफाश हो गया। दरअसल, जिस पवन ने आत्महत्या की थी, उसका वास्तविक नाम कलीम खां था। 30 वर्षीय मृतक का नाम पहले सभी को पवन सिंह पता था। पता चला कि उसका असली नाम कलीम खां है और वह पवन सिंह के छद्म नाम से रह रहा था। यह सच्चाई उसकी पत्नी सावित्री देवी को भी पता नहीं थी।

दोस्त की पत्नी को भगाकर रचाई शादी : सावित्री का मायके बिहार के बांका जिले के फुलीडुमर गांव स्थित कुसियाडीह की रहनेवाली है। छह वर्ष पूर्व उसकी शादी इसी थाना क्षेत्र के धनपहरी गांव निवासी शैलेंद्र राय से हुई थी। इस शादी से उन दोनों का पांच वर्ष का एक बेटा भी है। बेटे का नाम मनसुख कुमार है। शैलेंद्र मुंबई में गाड़ी चलाता था। वहीं उसकी दोस्ती पवन उर्फ कलीम से हुई। शैलेंद्र ने ही अपनी पत्नी से पवन उर्फ कलीम की बात कराई थी। उसके बाद दोनों बराबर बात करने लगे। फोन पर ही दोनों के बीच प्रेम हो गया। एक वर्ष पूर्व पवन उर्फ कलीम मुंबई से भागकर सावित्री के गांव आ गया। उसने उसके समक्ष शादी का प्रस्ताव रखा।
उसने बताया कि उसका नाम पवन सिंह है। वह गिरिडीह का रहने वाला है। सावित्री उसकी बातों में आ गई। उसने उससे शादी करने की ठान ली। पति और मायके वालों के विरोध करने पर सभी से संपर्क तोड़ उसने भागलपुर के एक मंदिर में पवन उर्फ कलीम से शादी कर ली।

लॉकडाउन में बिगड़ गई आर्थिक स्थिति : पवन उर्फ कलीम वहां ऑटो चलाता था, लेकिन लॉकडाउन में आर्थिक संकट आने पर सावित्री ने अपने नाना से बात करके अपने पति के साथ देवघर अपने नाना कैलाश राय के पास आ गई। नाना कैलाश देवघर में ट्रैक्टर चलाते हैं। उन्होंने दोनों के लिए एक कमरे का इंतजाम कर दिया। पवन उर्फ कलीम को एक टोटो चलाने के लिए दिया। लेकिन उसके पास पहचान पत्र नहीं रहने के कारण काफी परेशानी में था। परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया। इसी कारण आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस जांच में हुआ पर्दाफाश : आत्महत्या की सूचना मिलने पर रिखिया थाना प्रभारी राजीव कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम उसके घर जांच को पहुंची। जांच के दौरान पता चला कि मृतक का कोई पहचान पत्र नहीं है। सावित्री की शादी की कहानी सुनकर पुलिस को शक हुआ। मृतक की मोबाइल जांच की तो अधिसंख्य नंबर मुस्लिम समुदाय के लोगों के थे। एक-एक करके कई लोगों से बात की गई, तो पता चला कि ये नंबर मुंबई के रहने वाले लोगों का है। उन लोगों ने पुलिस को बताया कि जिस व्यक्ति का यह नंबर है, वह पवन सिंह नहीं, बल्कि कलीम खां है। लोगों ने बताया कि एक वर्ष से वह भागा हुआ है। उसने कई लोगों से उधार भी ले रखा है। ये सुनकर पुलिस वालों के साथ, सावित्री, उसके नाना और अन्य लोग अवाक रह गए। सावित्री के पहले पति का बेटा उसके साथ रहता है। दो माह पूर्व उसकी एक बेटी हुई थी। बेटी का नाम प्रियंका रखा था। उसकी पत्नी ने बताया कि वह न तो घर में पूजा करता था और न ही नमाज पढ़ता था। मृतक को मुस्लिम मानते हुए सावित्री के नाना व अन्य लोगों ने शव को दफना दिया।

प्रथमदृष्टया ये मामला आत्महत्या का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। मामले की जांच की जा रही है। जहां तक उसके धर्म की बात है तो मोबाइल से जिन लोगों से बात हुई, उन्होंने मृतक का नाम कलीम बताया। पोस्टमार्टम के बाद शव को दफना दिया गया है। उसकी असली पहचान व पता के बारे में छानबीन की जा रही है।
 राजीव कुमार, थाना प्रभारी, रिखिया थाना, देवघ

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