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अ. भा. प्र. स. में पारित प्रस्ताव – ‘स्व’ आधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प लें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखंड प्रांत : पत्रकार वार्तारांची, 18 मार्च :राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस वर्ष 12-14 मार्च 23 को हरियाणा के समालखा में सम्पन्न हुई, इस बैठक में एक प्रस्ताव एव तीन वक्तव्य दिए गये  अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पारित प्रस्ताव –“‘स्व’ आधारित राष्ट्र के नवोत्थान का संकल्प लें विषय पर था

भारत स्वाधीनता प्राप्ति के उपरांत हमने अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं आज भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनकर उभर रही है भारत के सनातन मूल्यों के आधार पर होने वाले नवोत्थान को विश्व स्वीकार कर रहा है ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की अवधारणा के आधार पर विश्व शांति, विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण के लिए भारत अपनी भूमिका निभाने के लिए अग्रसर है सुसंगठित, विजयशाली व समृद्ध राष्ट्र बनाने की प्रक्रिया में समाज के सभी वर्गों के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति, सर्वांगीण विकास के अवसर, तकनीक का विवेकपूर्ण उपयोग एवं पर्यावरणपूरक विकास सहित आधुनिकीकरण की भारतीय संकल्पना के आधार पर नए प्रतिमान खड़े करने जैसी चुनौतियों से पार पाना होगा राष्ट्र के नवोत्थान के लिए हमें परिवार संस्था का दृढ़ीकरण, बंधुता पर आधारित समरस समाज का निर्माण तथा स्वदेशी भाव के साथ उद्यमिता का विकास आदि उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए विशेष प्रयास करने होंगे उपरोक्त बाते आज संघ कार्यालय में पत्रकारों के बातचीत करते हुए प्रान्त कार्यवाह श्री संजय कुमार ने कहा

उन्होंने तीन वक्तव्यों के बारे में कहा की- संघ का मत है कि भगवान महावीर की निर्वाण प्राप्ति के 2550 वें वर्ष के अवसर पर वर्तमान को वर्द्धमान की बहुत आवश्यकता है वही छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन पर बताया कि वे अद्वितीय पराक्रम, रणनीतिक कुशलता, युद्धशास्त्र की मर्मज्ञता, संवेदनशील, न्यायपूर्ण व पक्षपातरहित प्रशासन, नारी का सम्मान प्रखर हिंदुत्व जैसी कई विशेषताओं से परिपूर्ण थे  ईश्वर पर श्रद्धा व विश्वास, माता पिता एवं गुरु जनों का सम्मान, अपने साथियों के सुख-दुःख में साथ निभाने, समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने के कई उदाहरण उनके जीवन में पाए जाते हैं। आज भारत अपनी समाजशक्ति को जागृत करते हुए अपने 'स्व' के आधार पर राष्ट्र निर्माण के पथ पर आगे बढ़ रहा है, भारत के 'स्व' आधारित राज्य की स्थापना के उद्देश्य से चली छत्रपति शिवजी महाराज की जीवनयात्रा का स्मरण अत्यंत प्रासंगिक एवं प्रेरणास्पद है.तीसरे वक्तव्य के संदर्भ में उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके जीवन सादगी, परिश्रम, त्याग, समर्पण, निर्भयता एवं सिद्धांतों के प्रति अडिगता उनके जीवन के प्रत्येक क्षण में परिलक्षित होती है तीनो महापुरुषों के नमन के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उन्हें श्रध्दापूर्वक वंदन करता है सभी स्वयंसेवक इस पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में पूर्णमनोयोग से भाग लेकर उनके आदर्शों को अपने जीवन में चरितार्थ करें ऐसी अपनी अपेक्षा है

उन्होंने बताया कि संघ सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी आचरण एवं नागरिक कर्तव्य पर जागरुकताकी दिशा में कार्यरत है ताकि समाज में परिवर्तन संभव हो सके उन्होंने कहा कि सेवा कार्य तथा कुटुम्ब प्रबोधन का कार्य महिलाओं के सहयोग के बिना संभव ही नही है

उन्होंने कहा की उस बैठक में देश भर में संघ द्वारा कार्य विस्तार की दृष्टि से विशेष वृत्त रखा जाता है, इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ झारखण्ड प्रान्त द्वारा बस्ती एवं मंडल कार्य दृढ़ीकरण का विशेष वृत्त रखा गया ,मार्च 2023 तक अखिल भारतीय स्तर पर कुल 42613 स्थानों पर कुल 68651 शाखा ,साप्ताहिक मिलन 26877 और कुल मंडली 10412 का वृत्त आया वही झारखंड में संघ की दृष्टि से 4 महानगरो में कुल 52 स्थानों पर 97 विद्यार्थी शाखा और 125 व्यवसायी शाखा यानि कुल 222 शाखा चल रही है जबकि ग्रामीण 24 जिलो में 488 स्थानों पर 454 विद्यार्थी और 162 व्यवसायी शाखा यानि 616 शाखा चल रही है। महानगर और ग्रामीण जिलो को यदि हम जोड़ दे तो आज झारखण्ड में कुल 540 स्थानों पर 838 दैनंदिन शाखा कार्यशील है इन 838 शाखाओ में से 122 वैसे शाखा है जो स्थानीय स्तर पर समाज के लिए कोई न कोई उपक्रम चला रहे है। उपरोक्त बाते आज पत्रकारों के बातचीत करते हुए प्रान्त कार्यवाह श्री संजय कुमार ने कहा । उन्होंने बताया कि संघ द्वारा सप्ताह में चलने वाली मिलन की संख्या 523 है जबकि माह में लगनेवाली संघ मण्डली की संख्या 166 है

प्रान्त कार्यवाह श्री संजय कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण की दृष्टि से पिछले वर्ष कुल 34 प्राथमिक वर्ग आयोजित हुए जिनमे 3031 स्वयंसेवकों ने,जबकि प्रथम वर्ष में कुल 302 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 संघ के 100 वर्ष पुरे हो रहे है इस निमित्त संघ प्रांत के सभी मंडल /बस्ती कार्ययुक्त हो इस दृष्टि से झारखण्ड के 1264 मंडल, 847 बस्ती, यानि कुल - 2111 मंडल / बस्तियों में एक ही दिन एकत्रीकरण व सम्मेलन करने का निश्चय जो 3 से 4 घंटे का हुआ था । परिणाम स्वरूप कुल 337 खंड/नगर बैठक संपन्न हुए इस बैठक में 5797 कार्यकर्ता सम्मिलित हुए, ।2004 पंचायतों से 5255 ग्रामों से, 2697 मुहल्लों से, कुल मंडल सम्मेलन में 81857, व बस्ती सम्मेलन में 40227,यानि कुल 122084 लोग सम्मिलित हुए। श्री संजय कुमार ने बताया कि पंचायत व मुहल्लों की बैठक में नये शाखा-427, मिलन - 554 ,मंडली 308 हेतु कार्यकर्ता तथा वहां स्थान भी निश्चित हुए जिन मंडल व बस्तियों में अपना कार्य अभी नहीं है, वहां मिलन के लिए विशेष आग्रह कर, कार्य प्रारंभ करना, एक वर्ष मिलन चलाने के उपरांत वर्ष 2024 में उसे शाखा में परिवर्तन करने की योजना बनाई गयी, इस प्रकार सभी मंडल व बस्ती को वर्ष 2024 तक कार्ययुक्त करने की एक व्यापक योजना के साथ अपने प्रांत में संघ कार्य कर रहा है।

भारत के अमृतकाल और संघ के सौवें वर्ष की ओर बढ़ती यात्रा के समय में समाज को दिशा देते हुए ऐसे समय में जब भारत वैश्विक नेतृत्व के पथ पर निरंतर मजबूती से कदम बढ़ा रहा है, तब नागरिकों को यह समझने की आवश्यकता है कि देश के प्रति हमारा क्या योगदान है । इस वर्ष का संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष लोहरदगा में तय हुआ है। इस पत्रकार वार्ता में क्षेत्र संघचालक मा.देबव्रत पाहन, सह प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री संजय कुमार आजाद उपस्थित थे 

 


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