: vskjharkhand@gmail.com 9431162589 📠

मंदिरों के सरकारी चंगुल से मुक्ति व धर्मांतरण पर रोक का संकल्प स्वागत योग्य – विहिप

मंदिरों के सरकारी चंगुल से मुक्ति व धर्मांतरण पर रोक का संकल्प स्वागत योग्य – विहिपरांची, 01अप्रैल : नई दिल्ली, विश्व हिन्दू परिषद ने मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण तथा अवैध धर्मांतरण से मुक्ति के भारतीय जनता पार्टी के तमिलनाडु चुनाव संकल्प पत्र का स्वागत करते हुए मांग की कि देश-भर के सभी मंदिरों को इस विभीषिका से मुक्त कराया जाए। केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि मंदिरों का संचालन करना अथवा उनके धन या प्रबंध में हस्तक्षेप करना सरकार का कार्य नहीं है। साथ ही छल-कपट लोभ-लालच, प्रलोभन या बलपूर्वक बलात् धर्मांतरण भी एक अमानवीय दुष्कृत्य है। यह एक प्रकार की हिंसा है, जिसमें समाज को अपनी जड़ों से तोड़ा जाता है। अब समय आ गया है कि सभी राज्य सरकारें तथा भारत के सभी राजनैतिक दल मिल कर शीघ्रातिशीघ्र मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिन्दू समाज के विरुद्ध दशकों से चले आ रहे इस अन्याय पर पूर्ण विराम लगाएं तथा अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध देशव्यापी कठोर कानून बनाएं।

तमिलनाडु के अतिरिक्त केरल, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना जैसे अनेक राज्यों में भी हिन्दू समाज में इसके कारण गहरा रोष व्याप्त है। राज्य सरकारों द्वारा मंदिरों की संपत्ति के दुरूपयोग, अश्रद्धावान लोगों, भ्रष्ट नौकरशाहों तथा राजनेताओं द्वारा मंदिरों के प्रबंधन में घुसपैठ, अहिंदू कार्यों के लिए भगवान के चढ़ावे का दुरुपयोग किसी से छिपा नहीं है। इसके कारण मंदिरों की पवित्रता तथा वहाँ के आध्यात्मिक वातावरण को दूषित करने के षडयन्त्र जग-जाहिर हैं।

मिलिंद परांडे ने कहा कि मंदिरों के अधिग्रहण व कुप्रबंधन के चलते हिन्दू समाज को संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता व पूजा के अधिकार से दशकों से वंचित रखा गया। अब मंदिरों को मुक्ति तथा धर्मांतरण के विरुद्ध सभी राज्यों में कठोर कानून लाना ही होगा।


Kindly visit for latest news 
: vskjharkhand@gmail.com 9431162589 📠 0651-2480502